संपत्ति में लड़कियों का हिस्सा



नारी जीवन और जिम्मेदारियों का दायरा बहुत विचित्र है और सिर्फ नारियां ही निभा सकती हैं सब को. जहाँ तक संपत्ति की बात है तो इसमें नारियों ने भी काफी राजनीति की है :) सामान्यतः ऐसा माना जाता है कि लड़कियों को पैत्रिक संपत्ति में हिस्सा शादी के समय मिलता है (जिसे दहेज़ कह कर बदनाम कर दिया गया है) और लड़कों को माता पिता के बाद. पर ऐसा होने लगा कि लड़कियां पैत्रिक संपत्ति में माता पिता के निधन पर या उस से पहले बटवारे के समय फिर से हिस्सा मांगने लगीं, जो कि समाज में स्वार्थ के तौर पर देखा गया और इसके कारण बहुत से परिवारों में भाई बहन का सुन्दर रिश्ता भी पैसे के कारण नष्ट हुआ जो कि खेदजनक है

Comments

Popular posts from this blog

Yajurveda 13.42

Touching Paras

God’s Own Terror?